Sunday, June 9, 2013

हमराज़

अनंत परिंदो क़ी इस भीड़ में,
अनगिनत सपनो के इस शहर में,
आशाओ के इस सागर में,
उमीदों की इस गागर में,

कहीं अकेले चलते हुए,
अप्रिय से कुछ पलों में,
पाया एक आश्वासक को,
वो जिसने राहा दिखाई,
वो जिसने मन में चेतना जगाई,

ज़िंदगी के इस सफ़र में,
एक अजीब सी नवीनता लाई,
वो ख़ास दोस्त मेरा,
वो साथी सबसे गहरा,
वो जो हर कदम साथ चला,

मेरे अबोध को जो समझा और जाना,
मेरी सहजता को परखा और माना,
पक्षपात से मुक्त सदा,
वो जो बना हमराज़ मेरा.

Monday, June 3, 2013

Essence of living..

Jab mann chahye karna karm hazaar,
samajh na aaye ki kya aaye pehle,
aur kya aaye baad,

samajh lo fir ki iss jeevan ke hai,
anchuye, agyat pehlu abhi kai,
tujhe jo sampoorn kare,
aise hai tere kartawya adhoore abhi,

iss saanso ki dor ko yu na jaane de vyarth,
pehchan khud ko,
apne jeene ke uddeyshaye ko,
tu bhi samarth, tu bhi hai kushal,
bas kadam bada uss chunauti ko lekar sath,
tab milega tujhe, tere astitva ka saar...